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अयोध्या राम मंदिर: एक दिलचस्प यात्रा
अयोध्या राम मंदिर: एक दिलचस्प यात्रा
उद्घाटन समारोह:
अयोध्या के राम मंदिर का शानदार उद्घाटन समारोह 22 जनवरी 2024 को होने वाला है, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी सहभागी होंगे, जिन्होंने हाल ही में माइक्रो ब्लॉगिंग साइट X पर इस बड़े समारोह का खुलासा किया है। समारोह की तैयारी ने 15 जनवरी से ही शुरू हो दी है।
तस्वीरें:
यहाँ पर हम आपको अयोध्या राम मंदिर की कुछ ताजगी भरी तस्वीरें प्रदान कर रहे हैं, जो इस ऐतिहासिक स्थल की सुंदरता को दर्शाती हैं।
इतिहास:
राम मंदिर का इतिहास अत्यंत प्राचीन है और इसका महत्वपूर्ण योगदान हिन्दू धर्म के इतिहास में है।
वास्तुकार:
मंदिर के वास्तुकारों ने इसे समृद्धि, सौंदर्य, और धार्मिकता के साथ डिज़ाइन किया है।
शिलान्यास समारोह:
राम मंदिर का शिलान्यास समारोह एक अद्भुत घटना थी, जिसने अनगिनत भक्तों को एक साथ मिलाया।
डिज़ाइन:
मंदिर का डिज़ाइन अद्वितीय है और इसमें धार्मिक और सांस्कृतिक संबंधों को मजबूती से जोड़ा गया है।
मंदिर की आकार:
यहाँ बताया गया है कि मंदिर का कितना बड़ा है और इसमें कौन-कौन सी सुविधाएं हैं।
भगवान की मूर्ति:
मंदिर में स्थापित होने वाली भगवान की मूर्ति की खासियतें यहाँ बताई गई हैं।
घंटा:
मंदिर में स्थापित घंटा जिसमें विशेष ध्वनि है, उसके बारे में जानकारी दी गई है।
दान:
इस मंदिर को समृद्धि के लिए दान किया जा रहा है, जिसमें लोग भाग ले रहे हैं।
टाइमलाइन:
अयोध्या राम मंदिर की टाइमलाइन यहाँ दी गई है, जिससे इसका निर्माण कार्य और महत्वपूर्ण घटनाएं साफ होती हैं।
चहुमुखी विकास:
अयोध्या में चहुमुखी विकास के प्रोजेक्ट के बारे में विस्तृत जानकारी यहाँ दी गई है।
आगामी योजना:
22 जनवरी के उद्घाटन समारोह के बाद, योजना के अनुसार अयोध्या यात्रा का आयोज
राम मंदिर: एक अद्वितीय इतिहास
श्रीराम मंदिर:
श्रीराम मंदिर:
सनातन धर्म में भगवान विष्णु के सातवां अवतार माने जाने वाले राजा श्रीराम के जन्मस्थल, जिसे राम जन्मभूमि कहा जाता है, पर बसा हुआ है। उन्हें दुनिया भर में व्यापक रूप से पूजा जाता है। प्राचीन महाकाव्य वाल्मीकि रामायण के अनुसार, भगवान श्रीराम का जन्म त्रेतायुग में अयोध्या में हुआ था।
इतिहास:
15वीं शताब्दी में, मुग़ल शासकों ने राम जन्मभूमि पर मस्जिद की नींव रखी, जिसे हिन्दू समुदाय ने मंदिर के भूमि को खंडित करने के रूप में देखा। इसके पश्चात्, 1850 से इस मुद्दे में विवाद उत्पन्न हुआ और 1992 में बाबरी मस्जिद का विवादित स्थान तोड़ दिया गया। 2019 में, भारतीय सुप्रीम कोर्ट ने सरकार विवादित स्थान को "श्रीराम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट" को सौंपने का निर्णय लिया। मार्च 2020 से ट्रस्ट ने राम मंदिर का निर्माण कार्य आरंभ किया है, जिसका पूरा होना 2024 में संभावित है।
वास्तुकार:
राम मंदिर के वास्तुकारों ने इसे समृद्धि, सौंदर्य, और धार्मिकता के साथ डिज़ाइन किया है। राम मंदिर की डिजाइन पहली बार 1988 में अहमदाबाद के सोमपुरा परिवार ने तैयार की थी, जो पिछले 15 पीढ़ियों से 100 से अधिक मंदिरों की डिजाइन बना चुके हैं। मंदिर के निर्माण के साथ, इसे स्वीकृति मिलने वाले पुराने डिजाइन में कुछ बदलावों के साथ बना जा रहा है। राम मंदिर 235 फीट चौड़ा, 360 फीट लंबा और 161 फीट ऊँचा होगा, जो इसे दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा हिंदू मंदिर बनाएगा।
उत्सव:
राम मंदिर का निर्माण मार्च 2020 से शुरू हुआ है, जिससे इसका सम्पूर्ण होना 2024 में संभावित है।
राम मंदिर शिलान्यास समारोह: एक नया आध्यात्मिक प्रारंभ
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 5 अगस्त 2020 को दोपहर 12 बजे, श्रीराम जन्मभूमि मंदिर का शिलान्यास किया। इस अद्वितीय क्षण में, प्रधानमंत्री मोदी ने चांदी की ईंट के रूप में आधारशिला की स्थापना की। पहले, पंडितों ने तीन दिवसीय वैदिक अनुष्ठान किया और भगवान राम की पूजा की गई, जिसके बाद मंदिर के शिलान्यास में सभी प्रमुख देवी-देवताओं को आमंत्रित किया गया। समारोह के दौरान, भारतीय सब-क्षेत्रों से मिट्टी और पवित्र पानी का यथासंभाव इस्तेमाल हुआ, जिसमें पाकिस्तान की शारदा पीठ से भी मिट्टी लाई गई। साथ ही, गंगा, सिन्धु, यमुना, सरस्वती और कावेरी नदियों का जल अर्पित किया गया। इस महोत्सव के अवसर पर अयोध्या में 7 हजार से ज्यादा मंदिरों में दीपों का आरती उत्सव मनाया गया।
श्रीराम मंदिर बनावट:
श्रीराम मंदिर अयोध्या में बन रहा है, जो 2.7 एकड़ भूमि पर स्थित है। इसमें 54,700 वर्गफुट भूमि शामिल है, और पूरे परिसर का कुल क्षेत्रफल लगभग 70 एकड़ है। मंदिर में इतनी विशाल जगह है कि लाखों भक्त एकसाथ मंदिर में भगवान राम के दर्शन कर सकेंगे। मंदिर का निर्माण श्री राम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट द्वारा लार्सन एंड टूब्रो कंपनी से किया जा रहा है, और इसके लिए राजस्थान के बंसी पर्वत के बलुआ पत्थरों का उपयोग हो रहा है।
राम मंदिर का डिजाइन:
मंदिर का डिजाइन चंद्रकांत सोमपुरा और उनके बेटों ने तैयार किया है। चंद्रकांत सोमपुरा को इस मंदिर के डिजाइन के लिए साल 1992 में चुना गया था। उन्होंने बताया कि इस नागर शैली मंदिर के प्रवेश द्वार को पूर्व की दिशा में बनाया जा रहा है, जो गोपुरम शैली में होगा और दक्षिण के मंदिरों का प्रतिनिधित्व करेगा। मंदिर की दीवारों पर भगवान राम के जीवन को दर्शाने वाली कलाकृतियां होंगी।
मंदिर का घंटा (Temple Bell)
मंदिर में, एक विशाल घंटा स्थापित किया जाएगा, जिसका वजन 2100 किलोग्राम होगा। इस अद्भुत घंटे की ऊचाई 6 फुट होगी और चौड़ाई 5 फुट। साथ ही, मंदिर में 10 और छोटे घंटे होंगे, जिनका आकार विभिन्न होगा और उनका वजन 500, 250, और 100 किलोग्राम का होगा। ये आकृतियाँ पीतल और अन्य धातुओं के मिश्रण से बनाई जाएंगी। इन अद्वितीय घंटों का निर्माण सावित्री ट्रेडर्स, जलेसर, एटा द्वारा किया जा रहा है, जो घुँघरू और घंटी उद्योग के लिए विश्वभर में प्रसिद्ध है। इन श्रेष्ठ घंटों की श्रृंगारभूत ध्वनि से यहां के कई मंदिरों में सुनी जाएगी।
भगवान की मूर्ति (Idol of God)
मंदिर में दो मूर्तियां स्थापित की जाएंगी। पहली मूर्ति, जो 1949 में प्राप्त हुई थी और दशकों तक एक तंबू में सुरक्षित रखी गई थी, अब एक स्थायी स्थान पर स्थापित की जाएगी। दूसरी मूर्ति, जिसका निर्माण कार्य जारी है, विशेष रूप से बड़ी होगी और इसके निर्माण के लिए नेपाल से लाए गए शालिग्राम शिलाओं का उपयोग हो रहा है। इन शिलाओं की प्राचीनता लगभग छह करोड़ साल है और इनका वजन 26 टन और 14 टन है।
शालिग्राम शिलाएं काली गंगा नदी के तट पर पाई जाती हैं और इन्हें सनातन धर्म में भगवान विष्णु के प्रतीक के रूप में पूजा जाता है। इन शिलाओं की पूजा भारतीय सांस्कृतिक परंपरा में अत्यधिक महत्वपूर्ण है। मंदिर में स्थित इन मूर्तियों का एक अद्वितीय और अमूल्य इतिहास है, जबकि दूसरी का निर्माण कार्य पूरा हो रहा है और इसे भगवान श्रीराम के साकार रूप में स्थापित किया जाएगा।
अयोध्या में हो रहा है चहुमुखी विकास
भगवान श्रीराम के दर्शन करने आने वाले श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की परेशानी न हो, उत्तर प्रदेश सरकार ने इसे प्राथमिकता दी है। अब तक, उत्तर प्रदेश सरकार ने अयोध्या में 32 हजार करोड़ रुपये की विकास परियोजनाओं की शुरुआत की है। इन प्रमुख विकास कार्यों के तहत, अयोध्या को एक सुंदर नगर बनाने का कार्य हो रहा है। इसके साथ ही, अयोध्या में अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा बनाने का कार्य प्रारंभ किया जा रहा है, ताकि यात्रीयों को कोई अधिक परेशानी न हो। इसके अलावा, अयोध्या के रेलवे स्टेशन को आधुनिक स्टेशन के रूप में विकसित किया जा रहा है। इन सुधारों के साथ ही, मठ-मंदिरों का सुंदरीकरण किया जा रहा है और शहर में फोर लेन और सिक्स लेन मार्गों का निर्माण भी हो रहा है।
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Start Date - 17th, April 2024
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